पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल के बीच 200 रन की ओपनिंग साझेदारी के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि क्या टीम इंडिया को इस जोड़ी को पूरे सीरीज में बनाए रखना चाहिए? कप्तान रोहित शर्मा पहले टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं थे, इसलिए राहुल ने ओपनिंग की जिम्मेदारी ली और दोनों पारियों में अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स और फैंस ने यह सुझाव दिया कि रोहित को ओपनिंग की बजाय मिडिल ऑर्डर या तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए। लेकिन क्या यह बदलाव होगा? एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के लिए भारतीय टीम के पहले प्रैक्टिस सत्र ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि रोहित इस बदलाव के लिए तैयार हैं।
3 दिसंबर को भारतीय टीम ने एडिलेड ओवल में पहला प्रैक्टिस सत्र किया। इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने पिंक बॉल के साथ अपनी तैयारियों को मजबूत किया। रोहित शर्मा, जो पहले टेस्ट से बाहर थे, ने नेट्स में बहुत समय बिताया और प्रैक्टिस के दौरान तेज गेंदबाजों के सामने बल्लेबाजी की। वे जल्दी ही अपनी अच्छी फॉर्म में लौटते हुए नजर आए।
प्रैक्टिस से मिले संकेत
इस सत्र में रोहित की बैटिंग को देखकर फैंस खुश हुए, लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि इस प्रैक्टिस सत्र से उनके बैटिंग पोजिशन के बारे में संकेत मिले। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब टीम बैटिंग करने उतरी, तो सभी बल्लेबाज अलग-अलग जोड़ियों में नेट्स में गए। राहुल और जायसवाल एक साथ थे, जिससे यह साफ हो गया कि ओपनिंग जोड़ी बरकरार रहेगी। शुभमन गिल और विराट कोहली भी अलग-अलग नेट्स में थे, इसका मतलब था कि इन दोनों का स्थान तीसरे और चौथे नंबर पर कोई बदलाव नहीं होगा। रोहित को पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए ऋषभ पंत के साथ जोड़ा गया।
रोहित के लिए नया चैलेंज
इससे यह साफ हो गया कि रोहित ने टीम की जरूरत को समझते हुए अपनी पोजिशन बदलने का फैसला किया है। हालांकि, यह आसान नहीं होगा। रोहित के लिए मिडिल ऑर्डर में पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। 2019 में टेस्ट ओपनर बनने से पहले रोहित मिडिल ऑर्डर में पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन वहां उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। पांचवे नंबर पर रोहित ने 16 पारियों में 29.13 की औसत से 437 रन बनाए हैं, जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं।
डे-नाइट टेस्ट का अतिरिक्त चैलेंज
हालांकि, छठे नंबर पर उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उन्होंने 25 पारियों में 54.57 की औसत से 1037 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक शामिल हैं। लेकिन डे-नाइट टेस्ट में एक और बड़ी चुनौती है। अगर टीम इंडिया पहले बैटिंग करती है और दूसरे सेशन तक 2-3 विकेट खो देती है, तो मिडिल ऑर्डर को बैटिंग के लिए आना होगा। डे-नाइट टेस्ट में यह सेशन सबसे कठिन माना जाता है, जब दिन और रात का फर्क होता है। इस समय पिंक बॉल को देखना काफी मुश्किल हो जाता है। यानी, रोहित ने टीम के लिए इस अतिरिक्त चुनौती को भी स्वीकार किया है।